आज बिहार का बजट पेश करेंगे वित्त मंत्री सम्राट चौधरी, इन सेक्टर्स पर फोकस रहने की है संभावना।

ब्यूरो रिपोर्ट, आपकी आवाज़ न्यूज, बिहार
✓ बिहार विधानसभा का बजट आज वित्त मंत्री सम्राट चौधरी करेंगे पेश।
✓ चुनावी साल होने के कारण, पूरे देश की नजर होगी वित्त मंत्री के घोषणाओं पर।
बिहार बजट 2025/26 ( पटना ) :- बिहार विधानसभा में आज वित्त मंत्री सम्राट चौधरी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगे, बिहार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत 28 फरवरी को हुई थी, चूंकि यह वर्ष बिहार के लिए चुनावी साल है, इसलिए इस बजट पर न केवल सत्तारूढ़ दल बल्कि विपक्षी दलों, आम जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की भी पैनी नजर है! यह बजट विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने के बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गई है, एक ओर जहां सत्तारूढ़ गठबंधन इस बजट के जरिए अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने लाने की कोशिश करेगा, वहीं विपक्ष इसे सरकार की नाकामियों को उजागर करने के अवसर के रूप में देख रहा है! वित्त मंत्री सम्राट चौधरी के सामने चुनौती है कि वे इस बजट में विकास और लोक-लुभावन योजनाओं के बीच संतुलन बनाएं, ताकि चुनावी साल में जनता का भरोसा जीता जा सके सूत्रों के मुताबिक, इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।

✓ राजद की क्या है मांग?
विपक्षी दलों ने बजट से पहले ही अपनी मांगों को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार से कई मांगें रखी! उन्होंने कहा कि बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की जानी चाहिए, ताकि वृद्ध और असहाय लोगों को राहत मिल सके, इसके अलावा, उन्होंने गरीब महिलाओं के लिए 2,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता देने की मांग की, तेजस्वी ने कहा, “बिहार की जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, सरकार को चाहिए कि वह गरीबों और महिलाओं के लिए ठोस कदम उठाए, न कि सिर्फ जुमलेबाजी करे।” उनकी इन मांगों को जनता के बीच समर्थन मिल रहा है, लेकिन देखना यह होगा कि सरकार इन पर कितना ध्यान देती है।
✓ क्या बेरोजगारी से मिलेगी राहत?
बिहार की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों से जूझ रही है, राज्य में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, और बड़ी संख्या में युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं! इसके अलावा, बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है! उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं, साथ ही चुनावी साल को देखते हुए कुछ लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा भी हो सकती है, जैसे मुफ्त बिजली, राशन या नकद सहायता।