सुहागिनों ने चलनी में चांद देख,पति के दीर्घायु होने की, की कामना।
धनंजय कुमार पाण्डेय,आपकी आवाज़ न्यूज,कुशीनगर
पडरौना/कुशीनगर :- अखंड सौभाग्य के लिए पारंपरिक रीतिरिवाज के साथ रविवार को सुहागिनों ने करवाचौथ का व्रत रखा। दिन भर बिना अन्न-जल ग्रहण किए रात में करीब आठ बजे महिलाओं ने चंद्र दर्शन किया। चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया। पडरौना शहर सहित सभी क्षेत्रों में रविवार को महिलाओं ने अखंड सौभाग्य के लिए करवाचौथ का व्रत किया। पूरे दिन उपवास कर शाम को नियमानुसार पूजा-अर्चना कर चंद्रदर्शन किए। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने करवाचौथ का व्रत रखा था। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार व विश्वास का प्रतीक है। सुहागिन महिलाओं के करवाचौथ व्रत करने से पति की लंबी उम्र के साथ दांपत्य जीवन सुखी रहता है। सुहागिनें दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम को 16 शृंगार कर महिलाएं मां गौरी, भगवान शंकर, गणेश व कार्तिकेय को पुष्प, अक्षत, दीप आदि अर्पित कर पाठ किया।
नियत समय पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति को चलनी से देखने के बाद पारण किया। मान्यता है कि व्रती महिलाओं के पति को दीर्घायु प्राप्त होती है। अखंड सौभाग्य, पुत्र, पौत्र के साथ साथ लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है। परंपरा और रिवाज के अनुसार चांद पूजन के दौरान महिलाओं ने चलनी में दीपक रख अपने पति के चेहरे को देखा और चौथ माता से अपने अखंड सुहाग की कामना की।