56 साल पहले हिमाचल में हुआ था प्लेन क्रैश, 102 लोग थे सवार, अब मिले 4 शव।
ब्यूरो रिपोर्ट, आपकी आवाज़ न्यूज, नई दिल्ली
✓ दो इंजन वाले परिवहन विमान ने, सात फरवरी सन 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन कुछ देर बाद ये लापता हो गया था, इसमें कुल 102 लोग सवार थे, दशकों तक विमान का मलबा और शवों के अवशेष बर्फीले क्षेत्र में दबे रहे, ये विमान रोहतांग दर्रा पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
नई दिल्ली :- हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा में 56 साल पहले एक भारतीय वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल बाद इस विमान में सवार चार और शवों के अवशेष बरामद हुए हैं, सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन अवशेषों को भारतीय थलसेना के ‘डोगरा स्काउट्स’ और ‘तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू’ के कर्मियों वाली एक संयुक्त टीम ने ढूंढा, तीन शवों के अवशेष मलखान सिंह, सिपाही नारायण सिंह और शिल्पकार थॉमस चरण के हैं।
✓ साल 1968 में हुआ था लापता।
दो इंजन वाला परिवहन विमान सात फरवरी सन् 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने के बाद, लापता हो गया था, उसमें 102 लोग सवार थे, एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक असाधारण घटनाक्रम में, 1968 में रोहतांग दर्रा पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-12 विमान से कर्मियों के अवशेष बरामद करने के लिए जारी तलाश अभियान एवं बचाव मिशन को महत्वपूर्ण सफलता मिली है! ” दशकों तक विमान का मलबा और शवों के अवशेष बर्फीले क्षेत्र में दबे पड़े रहे।
✓ “डोगरा स्काउट्स” ने कई बार खोज अभियान चलाया।
वर्ष 2003 में, अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने विमान का मलबा ढूंढ लिया, इसके बाद, इन वर्षों में सेना और खासतौर पर डोगरा स्काउट्स ने कई बार खोज अभियान चलाया, डोगरा स्काउट्स 2005, 2006, 2013 और 2019 में तलाश अभियानों में अग्रिम मोर्चे भूमिका निभा रही।
अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटनास्थल के दुर्गम क्षेत्र होने और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण 2019 तक, केवल पांच शवों के अवशेष ही बरामद किये जा सके. ‘चंद्र भागा माउंटेन एक्सपेडीशन’ ने अब चार और शव बरामद किये हैं, जिसके कारण मृतकों के परिजनों और राष्ट्र को एक नयी उम्मीद मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि चार में से तीन शवों के अवशेष मलखान सिंह, सिपाही नारायण सिंह और शिल्पकार थॉमस चरण के हैं, शेष अवशेष से बरामद दस्तावेजों से व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है! हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि उसके निकटतम रिश्तेदारों का विवरण मिल गया है।
थॉमस, केरल के पथनमथिट्टा जिले के एलंथूर का रहने वाला था, उन्होंने बताया कि उसके निकटतम रिश्तेदार, उसकी मां एलीमा को इस बारे में सूचना दे दी गई है, आधिकारिक रिकॉर्ड से प्राप्त दस्तावेजों की मदद से मलखान सिंह की पहचान की पुष्टि की गई, आर्मी मेडिकल कोर में सेवा देने वाले सिपाही सिंह की पहचान आधिकारिक दस्तावेजों के जरिये हुई, अधिकारियों ने बताया कि सिंह उत्तराखंड के गढ़वाल में चमोली तहसील के कोलपाड़ी गांव का रहने वाला था।