कार्रवाई के नाम पर रसमलाई खाते कुशीनगर मुख्य-चिकित्साधिकारी कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी।

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धनंजय कुमार पाण्डेय, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश

✓ कुशीनगर मुख्य-चिकित्साधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की कारस्तानियां हो रही उजागर।

✓ जनपद में अपने कार्यों के चलते हमेशा से ही चर्चित रहता है स्वास्थ्य विभाग।

✓ निजी अस्पतालों के ऊपर कार्रवाई के नाम पर जमकर होती है अंडर टेबल सेटिंग।

✓ योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति की मूसलाधार उड़ाई जा रही है धज्जियां।

कुशीनगर : पड़रौना कोतवाली अंतर्गत ख़िरकिया में अवैध रूप से संचालित “राहत हॉस्पिटल” पर जच्चा बच्चा की मौत के उपरान्त बवाल के बाद स्वास्थ्य विभाग एक बार फ़िर नींद से जागा है! देखना ये होगा कि, कार्यवाही किन पर कितना हो पाता हैं या जांच की बात कह के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है! गलत इलाज का आरोप लगाकर परिजनों ने जमकर बवाल मचाया… जानकारी के अनुसार खिरकिया सहित खिरकिया से बांसी और खिरकिया से जटहां बाज़ार की तरफ जाने वाले रोड पर मानक विहीन अवैध अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे हैं। मजे कि बात यह है कि, इसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों की भी मिलीभगत खुलकर सामने आ रही है! वो सब कुछ जानते हुए भी कार्यवाही से कतराते हैं और मौका मिलते ही मलाई खानें से बस मतलब रखते हैं! बताते चले कि कुछ दिन पूर्व लापरवाही और नियम विरुद्ध खिरकिया में एक निजी हॉस्पिटल के संचालन को विभाग द्वारा बंद कर दिया गया था, बंद अस्पताल को विभाग के ही डिप्टी DIO लेवल 2 के एक अधिकारी द्वारा बिना किसी ऑफिशियल आदेश के चालू करा दिया गया था, उक्त संबंध में एक वीडियो भी सामने आया है।
कल खबरें विस्तार से……

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