कुशीनगर/होम्योपैथिक चिकित्सालय को ही बना दिया अतिरिक्त कमाई का जरिया।
धनंजय कुमार पाण्डेय,आपकी आवाज़ न्यूज, कुशीनगर
✓ सरकारी तनख्वाह से नहीं भरा पेट, तो मरीजों से ही शुरू कर दी धन-उगाही।
✓ फार्मासिस्ट द्वारा गरीब/मजबूर मरीजों पर नहीं आती रहम।
✓ फार्मासिस्ट द्वारा सीसी समाप्त होने पर अपने जेब से सीसी मंगाए जाने की बात कह कर किया जा रहा है धन उगाही।
सरपतही/कुशीनगर :- जहां एक तरफ सूबे की योगी सरकार ग्रामीणों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए ग्रामीण स्तर पर नित्य प्रति नई नई योजनाएं चला कर, लोगों को स्वस्थ रखने के प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में बने “राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय” के कुछ बेईमान किस्म के कर्मचारियों द्वारा सरकार के इस मनसूबे पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है! जिसका खामियाजा वर्तमान सरकार को या फिर आम जनमानस को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य से संबंधित सुधार करने के चाहें लाखों कोशिशें कर ले लेकिन निचले स्तर पर कार्यरत कर्मचारी सरकार के इन मनसूबों पर पानी फेरने में तनिक भी नहीं हिचकिचाते, जिसका जीता जागता उदाहरण कुशीनगर जनपद में स्थित विकास खण्ड विशुनपुरा के ग्राम सभा सरपतही खुर्द में बना राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय के फार्मासिस्ट हैं।
✓ जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल पूरा मामला कुशीनगर जनपद में विकास खण्ड विशुनपुरा के “राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय” सरपतही खुर्द का है जहां मरीजों से पर्ची बनवाने के पश्चात दवा के नाम पर 20 से 25 रुपए तक लेने का आरोप लगाया जा रहा है। मरीज का कहना है कि, जब हम पर्ची बनावा कर दवा लेने जाते हैं तो दवा घर में बैठे ‘फार्मासिस्ट’ के द्वारा 20 रुपए लिया जाता है, इतना ही नहीं जब एक सप्ताह दवा लेने हम दुबारा जाते हैं उस दौरान भी हमसे 20 रुपए लिया जाता है। हमने जब उनसे ये बात कही की इतना रुपया होम्योपैथिक चिकित्सालय में नहीं लगता है तो फार्मासिस्ट ने कहा कि दवा की सीसी हम लोगों को अपने पास से लाना पड़ता है, अगर लेंगे नहीं तो कैसे काम चलेगा।
✓ सरपतही में कार्यरत फार्मासिस्ट क्या कहते है?
राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय सरपतही खुर्द में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात अमुक व्यक्ति ने टेलीफोनिक वार्ता के दौरान यह बताया कि, हमारे वहां दवा की सीसी पांच से दस पैकेट ही आता है, जब वो समाप्त हो जाता है तो हम लोगों को अपने जेब से ही खरीद कर लाना पड़ता है, इतना ही नहीं फार्मासिस्ट द्वारा यह भी बताया गया कि होम्योपैथ की दवाइयां कई जगह पर तो कागज में भी पुड़िया कर दे दिया जाता है।
✓ प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सुषमा का क्या कहना है?
ख़बर की सत्यता जानने के लिए जब प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ सुषमा से टेलीफोनिक वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी हमे नहीं है कोई मरीज हमसे शिकायत नहीं करते हैं, अगर यहां ऐसा हो रहा है तो उनको इसकी शिकायत हमसे करनी चाहिए, इसके पूर्व में भी इस तरह की शिकायत मिली थी तो मेरे द्वारा उनको इस तरह के कृत्य करने के लिए डांटा फटकारा गया था।
आज आपके माध्यम से इस तरह की सूचना मिली है मैं इस पर संबंधित से बात कर आगे की कार्यवाही करूंगी।