कुशीनगर पूर्व सीएमओ पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, जनसुनवाई पर किए गए शिकायत का लगा गलत रिपोर्ट।

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धनंजय कुमार पाण्डेय, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश

✓ जनसुनवाई के माध्यम से किए गए कंप्लेन पर लग रहे रिपोर्ट, सिर्फ खानापूर्ति।

✓ सी एम पोर्टल पर किए गए शिकायत पर, जांच अधिकारी घर बैठे लगा रहे रिपोर्ट।

कुशीनगर – मदर केयर हॉस्पिटल बावली चौक पडरौना के प्रबंधक डॉ धनंजय कुमार मिश्र ने जनपद के पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुरेश पटारिया पर भ्रष्टाचार का आरोप मुख्यमंत्री पोर्टल पर 25 फरवरी 2025 को किया था। डॉ मिश्रा का कहना है कि पूर्व सीएमओ डॉ सुरेश पटारिया गलत तरीके से मेरे हॉस्पिटल सहित मेरे आवासीय आवास को भी 25 अगस्त 2024 दिन रविवार को मेरे अनुपस्थिति में बिना किसी नोटिस और बिना किसी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में, मेरे हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। जिसके कारण बच्चे की पढ़ाई चार महीने बाधित हो गया, समय से फीस न जमा होनें के कारण बच्चे का स्कूल से नाम कट गया था, अर्ध वार्षिक परीक्षा में अनुपस्थिति हो गया। मदर केयर हॉस्पिटल में ही होम्योपैथ का प्रैक्टिस करते थे जिसका रजिस्ट्रेशन इसी हॉस्पिटल में अलग से कराया गया था और मरीज देख रहे थे। हॉस्पिटल और आवासीय आवास सील होने की वजह से डॉ मिश्रा के सभी आय के श्रोत बंद हो गए! किराए के मकान में चार महीने रहना पड़ा, आर्थिक तंगी से गुजर रहे डॉक्टर मिश्रा ने कई लोगों से कर्ज लेकर काम चलाया। बच्चे के परीक्षा को लेकर डॉ सुरेश पटारिया को कई बार लिखित रूप में ज्ञापन भी दिया! लेकिन डॉ पटरिया ने एक न सुनी।

जिलाधिकारी और उप-जिलाधिकारी पडरौना से मिल कर और डॉक द्वारा भी ज्ञापन दिया गया उसके वाबजूद कोई सुनवाई नहीं हुआ। डॉ मिश्रा का कहना है कि जब भी सीएमओ साहब से मिलने जाते थे तो इशारे में पैसा का डिमांड करते थे। मिठाई खाने के नाम पर 5 हजार लिए तब जाकर आवास खोले और हॉस्पिटल खोलने के लिए 50 हजार का डिमांड डॉ सुरेश पटारिया के नाजिर हाजिर क्लर्क विजय गिरी जो वर्तमान में मलेरिया इंस्पेक्टर कप्तानगंज सीएचसी पर तैनात है पूर्व सीएमओ से मिलकर अपना पोस्टिंग सीएमओ ऑफिस में करा लिया और संविदा कर्मचारी डाटा ऑपरेटर प्रशांत सिंह ने किया था और कहा कि जिस दिन पैसा दे देंगे उसी दिन सीएमओ साहब आपका हॉस्पिटल खोल देंगे। यह आरोप मुख्यमंत्री पोर्टल पर 25 फरवरी को ही किया गया था लेकिन विभाग द्वारा बिना किसी जांच के और न ही पीड़ित व्यक्ति से मौके पर आकर पूछ ताछ गया और गलत रिपोर्ट लगा कर स्पेशल क्लोज करके निस्तारित कर दिया गया! स्पेशल क्लोज लगा देने की वजह से फीडबैक भी नहीं जा रहा है।

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