कुशीनगर/आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित, ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया।
धनंजय कुमार पाण्डेय आपकी आवाज़ न्यूज कुशीनगर
✓ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा केंद्रों पर ई.सी.सी.ई.भर्ती रद्द करने व अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा मुख्यमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी को दिया गया ज्ञापन।
कुशीनगर :- आज प्रदेश अध्यक्ष के आवाहन पर उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में आंगनबाड़ियों द्वारा जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया। गंगनबाड़ियों द्वारा दिए गए ज्ञापन में यह बताया गया है कि, शिक्षा विभाग द्वारा शासनादेश संख्या 68-5099/178/2024- अनुभाग 5 ( बेसिक शिक्षा ) 1/701861/2024 दिनांक 26 जुलाई 2024 द्वारा जारी शासनादेश में प्राथमिक विद्यालय में को-लोकेटेड आँगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चे को ई. सी. सी.ई. शिक्षा देने हेतु ई.सी. सी.ई. एजेकेटर की भर्ती किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है। एजुकेटरों का मानदेय रू0 10313/- प्रतिमाह निर्धारित किया गया है जिसमें पी.एफ. एवं ई.एस. आई. की सुविधा भी दी गयी है। इसी आँगनबाड़ी केन्द्र पर श्री-स्कूल शिक्षा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा दी जाती है तथा ई.सी.सी.ई. शिक्षा का प्रशिक्षण आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी दी गई है। उ. शिक्षा प्रदान करने हेतु एजुकेटरों को वहाँ रू0 103137- प्रतिमाह मानदेय देने एवं अन्य सुविधाएँ देने का प्राविधान किया गया है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मात्र रू० 6000/- देश व प्रदेश की सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जबकि कार्यकत्रियों द्वारा उक्त शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कई विभागीय सेवाओं के साथ गैर विभागों द्वारा सौपे गये कार्य भी दिया जाता है। ऐसी स्थिति में कम मानदेय दिया जाना कार्यकत्रियों के साथ अन्याय एवं धोखा तथा मिशन शक्ति का अपमान है।
✓ प्रदेश अध्यक्ष, व कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष का कथन!
महोदय आपकी सरकार द्वारा लोक कल्याणकारी एवं जनहित में कार्य किया जा रहा है। आपकी छवि गरीबों का उत्थान करने वाली सरकार की मुखिया के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। ऐसे में हमारे उत्तर प्रदेश की आँगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिका बहनों की आर्थिक स्थिति एवं मानदेय विसंगति की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए निम्न मांगों को प्रेषित किया गया है।
- एजुकेटर भर्ती को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाय क्योंकि एजुकेटर का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा स्वयं पूर्व से ही किया जा रहा है इसलिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एजुकेटर भतीं की आवश्यकता ही नहीं है।
- आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाय। जब तक सम्भव नहीं है एजुकेटर के मानदेय से अधिक कार्यकत्रियों को रू0 18000/- एवं सहायिकाओं को रू० १०००/- प्रतिमाह मानदेय देने के साथ पी.एफ. एवं ई. एस. आई. की सुविधा प्रदान की जाए।
- पोषाहार/हाटकुक्ड फुडनिधि वितरण की व्यवस्था कोटेदार, एस.एस.जी., ग्राम प्रधान/पार्षद एवं हेडमास्टर आदि व्यवस्था में न उलझाकर किसी एक सुदृढ़ व्यवस्था द्वारा आँगनबाड़ी केन्द्रों के कार्यकत्रियों को सीधे उपलब्ध कराया जाय।
- भारत सरकार के पोषण 2 में मिनी कार्यकत्रियों का पद अपग्रेड करके सामान्य कर दिया गया है इसलिए सामान्य कार्यकत्रियों के बराबर मानदेय एवं अन्य सुविधा दिया जाय।
- ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 62 वर्ष आयु सेवा उपरान्त सेवा निवृत्ति पर एक मुस्त फण्ड रू0 10 लाख की धनराशि देने के साथ आजीवन पेंशन देने की व्यवस्था की जाय।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्री से मुख्य सेविका के पद पर पद चयन/पदोत्रति एवं आंगनबाड़ी सहायिका से कार्यकत्री के पद पर पदोबुति में 50 वर्ष आयु सीमा की वैधता समाप्त किया जाय।
- इस दौरान ममता मिश्रा जिलाध्यक्ष कुशीनगर, सुधा, नीलम, जयमती, सीमा धुलिया, आरती, शमीमा, हसीना, संध्या सिंह, कौशल्या, अर्चना इत्यादि सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहीं।