कुशीनगर/जन्म प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर 500 रुपये रिश्वत का मांगा रिश्वत, रुपए लेने का वीडियो आया सामने।

धनंजय कुमार पाण्डेय,आपकी आवाज़,न्यूज कुशीनगर
✓ कुशीनगर में सरकारी कर्मचारियों का जमकर फल-फूल रहा है रिश्वत का खेल।
✓ मौजूदा सरकार में कुशीनगर के सरकारी कर्मचारी ( जनता के नौकर ) रिश्वत का पैसा लेने में सबसे आगे।
✓ यूपी में योगी सरकार का “जीरो टॉलरेंस” कुशीनगर में “जीरो” का आंकड़ा नहीं कर रहा पार।
✓ जन्म प्रमाण पत्र देने के नाम पर पडरौना तहसील कर्मचारी द्वारा मांगा गया पांच सौ रुपए का रिश्वत।
कुशीनगर :- सूबे की योगी सरकार एक तरफ जहां “भ्रष्टाचार उन्मूलन” के दावे कर रही है, वहीं दफ्तरों में सरकारी कर्मचारियों के रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला कुशीनगर जनपद के पड़रौना तहसील का है, जहां जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक व्यक्ति से 500 रुपये रिश्वत मांगने का एक वीडियो सोशल मीडिया जमकर वायरल हो रहा है। हालांकि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसी समस्याएं आज भी देश की प्रगति में बाधक बनी हुई हैं। देश व राज्य सरकारों द्वारा रिश्वतखोरी खत्म करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन सरकारी व्यवस्था में फैला यह रोग “कैंसर” की तरह समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही है।
थाना कोतवाली क्षेत्र पडरौना के ग्राम सभा जंगल नाहर छपरा निवासी मंकेश्वर पासवान ने तहसील दिवस में शिकायत दर्ज कराई कि, वीआरसी सेंटर में कार्यरत सलाउद्दीन नामक कर्मचारी ने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 500 रुपये ( रिश्वत ) की मांग की। शिकायतकर्ता के अनुसार, उससे पांच सौ रुपए की जब मांग की गई तो उसने 300 रुपये पहले ही दे दिए, और प्रमाण पत्र मिलने के समय शेष 200 रुपये देने की बात कही गई। इसके बावजूद अब तक प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया।
मनकेश्वर ने बताया कि कर्मचारी द्वारा बार-बार 500 रुपये देने का दबाव बनाया जा रहा है, हालांकि पैसा देने के समय इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो उक्त व्यक्ति के द्वारा बना भी लिया गया, और जब वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगा तो तहसील प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों में खलबली मची हुई है। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि “आपकी आवाज़ न्यूज” नहीं करता है।
✓ रिश्वतखोरी का अड्डा बन रहा सरकारी दफ्तर।
सरकारी दफ्तरों में जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, और अन्य प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रिश्वत मांगने की घटनाएं अब दिन-ब-दिन आम होती जा रही है,पडरौना तहसील के इस मामले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि, भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारी दावे कारगर हैं या सिर्फ एक दिखावा।
इस सम्बन्ध में जब पडरौना उपजिलाधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।