कुशीनगर में बिना रजिस्ट्रेशन और नम्बर प्लेट के ही सड़कों पर धूम मचा रही हैं, दो पहिया व चार पहिया वाहन।
धनंजय कुमार पाण्डेय, आपकी आवाज़ न्यूज, कुशीनगर
✓ किसके आदेश पर बेची गईं, जनपद में बिना रजिस्ट्रेशन व बिना नम्बर प्लेट की गाडियां?
✓ जिले में धनतेरस और दीपावली पर हजारों की संख्या मे बेची गई बिना पंजीकरण और बिना नम्बर प्लेट की गाडियां।
✓ क्या एआरटीओ कुशीनगर को बिना रजिस्ट्रेशन और नम्बर प्लेट की गाडियां दौड़ते नजर नहीं आ रही हैं?
✓ क्या विभाग की मिली भगत और ऊपरी कमाई की वजह से हुआ ये बड़ा खेल?
बीते त्यौहारों पर जिले की एजेंसियों से हजारों की संख्या में गाड़ियों की खरीद फरोख्त की गई, लेकिन ज्यादा गाड़ी बेचने की होड में, एजेंसी मालिकों और एआरटीओ विभाग ने नियमों और कानूनों की जमकर धज्जियां उड़ाते नजर आए हैं। गाड़ियों को बेचते समय ना ही रजिस्ट्रेशन पर ध्यान दिया गया और ना ही इनके नम्बर प्लेटों पर ध्यान दिया गया, बिना नम्बर प्लेट और रजिस्टर के ही धड़ल्ले से गाड़ियों की बिक्री की गई।
कुशीनगर :- कुशीनगर जनपद में एआरटीओ विभाग के जिम्मेदारों और वाहन एजेंसियों के बीच मोटी कमाई का जीता-जागता प्रमाण जिले की सड़कों पर बडी बेरुखी के साथ देखी जा रही है। हालत यह है कि धनतेरस व दीपावली मे खरीदी गयी कई कम्पनियों के दोपहिया और चार पहिया वाहन बिना रजिस्ट्रेशन और बिना नम्बर प्लेट की ही अवैध रूप से धड़ल्ले से सड़कों पर धूम मचाते हुए नजर आ रही हैं। ऐसी स्थिति में अगर इन गाड़ियों से कोई घटना-दुर्घटना हो जाती है तो न ही कोई पहचान हो पाएगी और न ही किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जा सकेजी। अब इसके बाबजूद एआरटीओ विभाग और वाहन एजेंसी वाले अपने निजी लाभ के चलते आम लोगो की जिंदगीयों के साथ जमकर खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं।
बताते चलें कि इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस और 31 अक्टूबर को दीपावली पर हीरो, टीवीएस, होण्डा, रायल इनफील्ड, बजाज, सुजुकी आदि नामी गिरामी कम्पनियों की एजेन्सियों द्वारा पडरौना नगर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में दोपहिया वाहन बिना पंजीकरण व बिना नम्बर प्लेट के ही नियमों को ताख पर रख कर बेची गयी हैं। इसके अलावा मारुति, महेन्द्रा, टाटा, फोर्ड, टोयटा आदि शोरुमो से सैकड़ों की संख्या मे चार पहिया व विभिन्न कम्पनियों के सैकडों तीन पहिया बाहन बिना पंजीकरण और नम्बर प्लेट लगाये ही अवैध रुप से गाडियों की बिक्री की गई है, जो कि सड़कों पर नियम के विरुद्ध तेज गति से दौड़ते हुए नजर आ रहीहैं ! जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक कोई भी दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन बिना पंजीकरण व बिना नम्बर प्लेट के एजेन्सी अथवा शोरुम से बाहर सड़कों पर नही आ सकती हैं।
✓ एआरटीओ विभाग से सबसे बड़ा सवाल!
त्यौहारों पर बिना रजिस्ट्रेशन और बिना नम्बर प्लेट की बिकी हुई गाड़ियों को देखते हुए,सवाल यह है कि, धनतेरस व दीपावली पर हजारो की संख्या मे जो हजारों की संख्या में दो पहिया और सैकडों की संख्या में तीन पहिया व चार पहिया वाहन एजेंसियों एवं शोरूमों से बाहर निकलकर सड़कों पर तूफान मचाए हुए हैं, उन पर एआरटीओ विभाग किस तरह की कानूनी कार्रवाई कर रही है।
फिलहाल त्यौहारों को बीते हुए लगभग 15 दिन होने को हैं पर विभाग अब तक इन एजेंसियों पर कोई ठोस कार्रवाई करते नजर नहीं आ रहा है।
वहीं जानकारों का कहना है कि, इस तरह का दुस्साहस विभाग के जानकारी के बगैर ही एजेंसी व शोरुम के द्वारा किया गया है। इस स्थिति में विभाग को तत्काल उन एजेंसी व शोरुम के खिलाफ ठोस कार्रवाई करते हुए, एजेंसी के निरस्त्रीकरण के लिए नोटिस जारी कर उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
जानकार यह भी कहते हैं कि अगर एआरटीओ
विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही करता है तो मतलब साफ है कि, वाहन एजेंसी व विभागीय अफसरों के बीच मोटी डिलिंग के बाद ही ये गाड़ियां नियम विरुद्ध तरीके से बाहर निकलकर अवैध रुप से बेखौफ सडको पर दौडलगते नजर आ रही हैं।
✓ वाहन बेचने के क्या हैं नियम?
बात अगर नियमों की कि जाए तो, बिना रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट के कोई भी एजेंसी अथवा शोरुम कोई भी गाड़ी नहीं बेच सकती है। ऐसा करना “मोटर वाहन अधिनियम” का उल्लंघन है, जिसके खिलाफ परिवहन विभाग को कार्रवाई करने का प्राविधान है। इसके अलावा, बिना नंबर प्लेट की गाड़ी चलाना भी कानूनन अपराध है अगर पुलिस आपको बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी चलाते हुए पकड़ती है, तो आपको जुर्माना भरना होता है।
✓ गाड़ीयों से जुड़े कुछ और नियम व शर्ते!
जानकार बताते हैं कि, चार पहिया वाहन कंपनियों को प्रत्येक गाड़ी पर हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है, जब कार तैयार होकर फैक्ट्री से शोरूम में बिकने के लिए पहुंचेगी तो उसमें नंबर प्लेट होना जरूरी है। शोरूम में कार खरीदने के बाद उसमें रजिस्ट्रेशन नंबर की एंबोजिंग भी करानी होगी, इसका मतलब साफ है कि बिना रजिस्ट्रेशन और नंबर के गाड़ी शोरूम से बाहर नहीं निकल सकती है। नंबर प्लेट पर किसी विभाग का सांकेतिक चिह्न नहीं होना चाहिए, इसके अलावा प्राइवेट वाहनों पर नंबर प्लेट सफ़ेद या काले रंग में होनी चाहिए और व्यावसायिक वाहनों पर नम्बर प्लेट पीले रंग में होना अनिवार्य है। इस तरह दोपहिया वाहनों के लिए पंजीकरण व नंबर प्लेट लगाना कानूनी तौर पर ज़रूरी है। अगर कोई बिना नंबर प्लेट के बाइक चलाता हैं, तो ट्रैफ़िक पुलिस रोककर जुर्माना लगायेगी और परिवहन विभाग बिना पंजीकरण और बिना नम्बर प्लेट की गाडियां बेचने वाले शोरुम व एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
लेकिन कुशीनगर जिले में एआरटीओ विभाग की तरफ से अब तक इस तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है, जो कि अपने आप में एआरटीओ विभाग पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।