मध्य प्रदेश में लाखों टन गेहूं में पड़े कीड़े, एफसीआई ने लेने से किया इनकार, क्या गरीबों को देने वाले राशन में थी, खपाने की तैयारी?
ब्यूरो रिपोर्ट म.प्र./आपकी आवाज़ न्यूज
✓ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री, गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि, शिकायत आई थी गेंहू खराब हो गया है किसकी गलती है अधिकारियों कि या गोदाम मालिकों की मैंने पीएस को लिखा है तत्काल कड़ी जांच का आदेश दिया है।
भोपाल :- मध्यप्रदेश के सरकारी गोदामों में रखा लाखों टन गेंहू सड़ा हुआ है,जिसे भारतीय खाद्य निगम (फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने अनफिट कहकर लेने से मना कर दिया है, सरकार का कहना है कि, दोषियों पर कार्रवाई होगी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि, क्या ऐसा सड़ा गेहूं कहीं गरीबों के खाने वाले राशन में खपाने की तैयारी तो नहीं थी! सितंबर 2020 में न्यूज़ चैनलों ने खुलासा किया था कि कैसे मध्यप्रदेश में गरीबों को मुफ्त में मिल रहा ये चावल, भेड़-बकरियों के खाने लायक भी नहीं! न्यूज़ चैनलों की रिपोर्ट के बाद, ऐसी खलबली मची की पीएमओ ने सरकार से रिपोर्ट तलब की थी।
✓ क्या 4 साल बाद भी व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार।
4 साल बाद भी कुछ भी नहीं बदला.अशोकनगर में जबलपुर से 2018 लेकर 2021 तक की खरीदी का 2600 टन गेंहू का रैक भेजा गया था, हालांकि गेहूं की गुणवत्ता बेहद खराब है. इतना खराब कि फिर यही रिपोर्ट बनेगी की ये भेड़ बकरियों के खाने लायक भी नहीं है. जिम्मेदार बताते भी हैं फिर सरकारी भाषा में छिपाते भी हैं, वेयरहाउस के मैनेजर उदय सिंह चौहान ने कहा कि 3 महीने पहले आया है, गेंहू की क्वॉलिटी थोड़ी गिरी हुई है 3-4 साल पुराना बारदाना खराब हो जाता है फिर भुगतान होगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि शिकायत आई थी गेंहू खराब हो गया है. किसकी गलती है अधिकारियों कि या गोदाम मालिकों की मैंने पीएस को लिखा है तत्काल कड़ी जांच की जाए जो जिम्मेदार रहा है हुआ है कितना हुआ है जांच करके सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
मध्यप्रदेश में 5.37 करोड़ परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत निशुल्क खाद्यान्न मिलता है.अन्त्योदय योजना के तहत परिवारों को 35 किलो और प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के हिसाब से खाद्यान्न मिलता है. 33 जिलों के 80.50 लाख आदिवासी परिवारों को 1 रु. की दर से डबल फोर्टिफाईड नमक भी मिलता है.वन नेशन वन राशनकार्ड के तहत समस्त पात्र परिवार राज्य की 26,779 या किसी भी राज्य की उचित मूल्य की दुकान से राशन ले सकते हैं।