जिलाधिकारी कुशीनगर महेंद्र सिंह तंवर ने एंटी भू-माफिया पोर्टल का किया निरीक्षण।

धनंजय कुमार पाण्डेय, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश
✓ जनपद तथा तहसील स्तर की समिति भू माफियाओं को करें चिन्हित, डीएम
✓ किसी भी भू-माफिया को बक्शा नहीं जायेगा, जिलाधिकारी कुशीनगर
✓ भूमि प्रबंधक समिति की भूमियों को कराएं कब्जामुक्त, जिलाधिकारी कुशीनगर
✓ एंटी भू-माफिया पोर्टल तथा राजस्व विभाग के महत्वपूर्ण बिंदुओ पर डीएम ने ली समीक्षा बैठक।

कुशीनगर :- जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में आज एंटी भू माफिया पोर्टल तथा राजस्व विभाग के महत्वपूर्ण बिंदुओ पर समीक्षा बैठक की गई। उन्होंने सभी उप-जिलाधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया की जनपद में शासन की मंशानुरूप भू-माफियाओं के चिन्हीकरण का विशेष सधन अभियान तहसीलवार चलाएं। अगर कोई भू-माफिया पाया जाता है, तो तहसील समिति एवं जिला समिति के द्वारा आख्या प्रस्तुत करें तथा कड़ी कार्रवाई भी करें।
✓ पूर्व में अगर कोई एंटी भू-माफिया चिन्हित है तो वादों में प्रभावी पैरवी करें।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, इसमें किसी भी प्रकार की ढीलाई या कोताई बर्दास्त नहीं की जाएगी। सभी लोग इसका विशेष ध्यान रखें कि, जनपद में किसी भी माफिया को पनपने नहीं देना है। सभी एसडीएम तहसीलवार उन्हें सूचीबद्ध करें तथा भूमि कब्जा करने में कौन-कौन से गिरोह शामिल है उसकी भी समुचित आख्या प्रेषित करें। तहसील समिति सतर्कता एवं सक्रियता से इस पर कार्यवाही करें! किस विभाग की कौन सी जमीन अतिक्रमित है इसकी भी सूचना उपलब्ध कराएं। ग्रामीण स्तर पर भूमि प्रबंधक समिति के अंतर्गत निहित जमीन को भी कब्जामुक्त कराएं।

उन्होंने सभी तहसीलदारों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष तथा कृषक दुर्घटना बीमा योजनाओं के लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण करें। एक भी मामला लंबित किसी भी तहसील स्तर से न रहे। वरासत के मामलों पर पैनी दृष्टि रखे। सभी एसडीएम एंटी भू माफिया पोर्टल की नियमित समीक्षा कर यथा आवश्यक कार्रवाई भी करें। सभी एसडीएम नगर निकाय के क्षेत्रों में संपत्ति रजिस्टर भी बनाए, उसमें कौन सी भूमि कब्जा मुक्त है या कब्जायुक्त है वह भी निरीक्षण कर दर्शाया जाए। जिन विभागों को भूमि की आवश्यकता है उन्हें भूमि चिन्हित कर भूमि आवंटन एवं प्रस्तावित करें। मुसहर समुदाय के परिवारों को आवश्यकता अनुसार भूमि पट्टा कर आवंटित करें। खतौनी में अगर छोटी-छोटी प्रशानिक स्तर से त्रुटियां होती है तो उस पर तहसीलदार और उपजिलाधिकारी स्वतः संज्ञान लेकर उसे दुरुस्त कराएं। न्यायिक प्रक्रिया में जाने की आवश्यकता नहीं है।
फसलक्षति, जनहानि पशुहानि की रिपोर्ट भी सभी प्रेषित करें। आपदा पीड़ितों को आपदा अनुग्रह सहायता धनराशि भी दिलाये। उन्होंने धारा 24, 34, 80 एवं 116 के लंबित मामलों का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए। धारा 24 में तय तिथि के अनुसार राजस्व टीमों के माध्यम से पत्थरनसब की कार्यवाही भी सतत चलती रहे। अद्यतन प्रगति से मुझे अवगत कराए। जिलाधिकारी ने कहा कि, सभी पीठासीन अधिकारी अपने अपने न्यायालय में विचाराधीन मामलों का राजस्व संहिता के अनुरूप गुण दोष के आधार पर वादों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें।
इस असवर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्रा, एडीएम न्यायिक पी के राय, एसडीएम व्यास नारायण उमराव, मो. जफर, अनिल कुमार यादव, आशुतोष, तहसीलदार गण, नायब तहसीलदार गण एवं सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।