रायपुर/अंबेडकर अस्पताल में पत्रकारों से मारपीट करने वाले गुंडों/बाउंसरों का सर मुंडन कर निकाला गया जुलूस।

ब्यूरो रिपोर्ट, आपकी आवाज़ न्यूज, रायपुर छत्तीसगढ़
✓ पत्रकारों को खबर संकलन करते समय दल खलल तो सर मुण्डन कर निकला जुलूस।
✓ अस्पताल के सुरक्षा गार्डों ने बदसुलूकी की, फिर अपने साथी बाउंसरों को बुलाकर किया मारपीट।
✓ पत्रकार अपना विरोध जताते रहे और बाउंसर पुलिस के सामने ही गोली मारने की धमकी देते रहे, जिससे मामला बिगड़ता चला गया।
रायपुर :- प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रविवार की रात कवरेज करने पहुँचे पत्रकारों से अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों के द्वारा बदसुलूकी की गई! पत्रकारों द्वारा इसका विरोध करने पर गार्डों की मदद के लिए वसीम बाबू नामक बाउंसर अपने साथी बाउंसरों के साथ पहुँच गया! विवाद बढ़ने पर बाउंसरों ने पत्रकारों से मारपीट शुरू कर दी! इसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में रायपुर प्रेस क्लब के सदस्य पत्रकार साथी अंबडेकर अस्पताल पहुँचे, तब तक दो थानों के प्रभारी अपने जवानों के साथ मोर्चे पर पहुंच तैनात हो गए थे, पत्रकार अपना विरोध जताते रहे और बाउंसर पुलिस के सामने ही गोली मारने की धमकी देते रहे, जिससे पूरा मामला बिगड़ता चला गया! फिर पत्रकार एसएसपी रायपुर के साथ सरकार तक के प्रतिनिधियों से बातचीत की, उन्होंने कहा कि जल्द गुंडों की गिरफ्तारी हो जाएगी! कुछ देर में दो-तीन आईपीएस जवानों के साथ पहुँचे! पत्रकारों ने कहा गुंडों को तत्काल गिरफ्तार करिए! अस्पताल अधीक्षक कहाँ गायब हैं ? घटनाक्रम को तकरीबन 2 घण्टे का वक़्त बीत चुका था! किसी तरह की कार्रवाई न होते देख पत्रकारों का सब्र टूट चुका था! इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा का भी फोन आ गया! उन्होंने उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया! मुख्य आरोपी सहित तीन आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन मामला तब तक बहुत बिगड़ चुका था! पत्रकार अपनी सुरक्षा और ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर ही रात में मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच कर गए, मुख्यमंत्री निवास के बाहर सभी पत्रकार साथी धरने पर बैठ गए! इस बीच हमारे गुस्से को शांत कराने भाजपा के सह-मीडिया प्रभारी दाऊ अनुराग अग्रवाल भी पहुँच गए। उनके आने के बाद बहुत हद तक पत्रकारों का गुस्सा शांत हुआ! क्योंकि उनके साथ सभी पत्रकारों का आत्मीय संबंध है! उन्होंने जल्द से जल्द धरने को खत्म कराने, विजय शर्मा से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक की ओर से ठोस कार्रवाई कराने और अस्पताल प्रबंधन की ओर से माफी मंगवाने में पत्रकार और प्रशासन के बीच एक समन्वयक के भांति डटे रहे। लेकिन पत्रकारों का धरना मुख्यमंत्री निवास के बाहर घण्टे भर से अधिक चला! सरकार की ओर से कहा गया कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है! स्वास्थ्य मंत्री ने फोन पर बातचीत की, उन्होंने घटना की कड़ी निंदा की, मंत्री ने यह भी आश्वस्त किया कि आगे कभी भी पत्रकारों को अंबडेकर ही नहीं किसी भी अस्पताल या अन्य स्थानों पर कवरेज से कोई नहीं रोकेगा! जो घटना हुई उस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है! मुझ पर भरोसा रखिये, जो भी गोली मारने की धमकी देगा उसे मिट्टी में मिला देंगे! मंत्री से मिले ठोस आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।
हमारी बात को सुनने, मानने के और देर रात फोन पर बातचीत करने के लिए शुक्रिया- मंत्री विजय शर्मा, श्याम बिहारी जायसवाल, भाजपा सह-मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल, एसएसपी लाल उमेंद सिंह
विशेष – प्रेस क्लब के सभी सदस्यों और पत्रकार साथियों की एकता को सलाम, हम अपनी एकजुटता को इसी तरह बनाए रखे, जनहित के मुद्दों पर बिना डरे लड़ते रहें, लेखनी और आवाज से जन-सरोकार के मुद्दों पर जुटे रहें।
हमारी किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं रहती, ऐसे में एक अपील समाज और तमाम संस्थानों से भी है कि, उनका भी पूर्ण साथ और समर्थन भी मिलता रहे।
मोर्चे पर जाने कब क्या हो जाए ?
आइए सब मिलकर आवाज उठाए
जनहित के मुद्दों पर बोलते रहेंगे, सवाल पूछते रहेंगे, स्वाभिमान के सवाल पर हम कत्तई चुप नहीं रहेंगे।
पत्रकार बनें, चाटुकार नहीं