कुशीनगर/बच्चों से श्रम कराने वालों को 6 माह से 2 बर्ष तक की सजा और 20 हजार रुपए तक का हो सकता है जुर्माना।

धनंजय कुमार पाण्डेय, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश
✓ बाल श्रम कराने पर 6 माह से 2 वर्ष तक की हो सकती है सजा! अलंकृता उपाध्याय श्रम प्रवर्तन अधिकारी
✓ बाल श्रम के प्रति रहें जागरूक, तभी हो सकता है बाल श्रम का समाधान! रामवृक्ष गिरि

पडरौना :- श्रमिक सुविधा केंद्र, एक्शनएड और असंगठित मजदूर संघ के संयुक्त तत्वावधान में 60 दिवसीय जागरुकता अभियान के अन्रतर्गत अन्तराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम, असंगठित मजदूर मिलन समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में सुश्री अलंकृता उपाध्याय श्रम प्रवर्तन अधिकारी कुशीनगर ने बाल श्रम के लिए बने क़ानून, बाल श्रम की चुनौतियाँ और समाधान तथा उसके लिए चलाये जा रहे योजनाओं की जानकारी दीं और उन्होंने कहा कि, बच्चों से श्रम कराने वाले को 6 माह से 2 बर्ष तक की सजा और 20 हजार रुपए तक का जूर्माना हो सकता है। बाल श्रम को मजबूर परिवारों और बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई विभाग और सरकारी योजनायें संचालित हैं! जरुरत मंद परिवार श्रम विभाग से संपर्क कर आवश्यक योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। रामवृक्ष गिरि समन्वयक श्रमिक सुविधा केंद्र ने कहा कि, बाल श्रम के प्रति जगरूकता ही समाधान की ओर जाने का रास्ता है।
राजू प्रसाद ने कहा कि बाल श्रम मानव समाज के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप है, दिनेश प्रसाद ने कहा कि आईये हम सब मिलकर बाल श्रम को समाप्त करने का प्रयास करते हैं। दुर्गेश निषाद, दुर्गा देवी, राजाराम बनवासी, सोनाली देवी, अनीता देवी गुलाब प्रसाद, कन्हैया प्रसाद, राजकुमार, बुद्धिराम, अवधराज, भूषण प्रसाद, मिठाईलाल, ललिता मुझ्यों समाज, श्री रिन्दू ऋषिदे, काशी, अभिनंदन, गाव देव, अरविन्द ऋषिविक, लक्ष्मण मारली, अनीय कुठ मारती, अरविन्द कुक ऋषि, राहुल कुर्गध आदि ने भी मौजूद लोगों को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर कुंती देवी, राजू प्रसाद, रामावती देवी, तुलसी प्रसाद, रामजीत प्रसाद, माया देवी, शनिचरी देवी, आदि दो सौ से अधिक श्रमिक प्रतिभग किये।