मोकामा में फायरिंग के बाद क्या बोले अनंत सिंह, कौन हैं ये सोनू-मोनू जानिए पूरी कहानी।

ब्यूरो रिपोर्ट, आपकी आवाज़ न्यूज, बिहार
✓ अनंत सिंह पर गोली चलाने वाले गिरोह का नाम सोनू-मोनू बताया जा रहा है, जानिए कैसे हुई ये घटना, और कौन हैं ये सोनू-मोनू….!
सरकार किसी की भी हो, मोकामा अनंत सिंह का ही रहा है, वहां पर किसी पार्टी का सिंबल काम नहीं करता, अगर कोई काम आता है तो वो है अनंत सिंह का नाम! छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह पर कोई मोकामा में गोली चला दे तो, इसे हलके में नहीं लिया जा सकता! बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मोकामा से विधायक हैं और वह विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गई हैं, अनंत सिंह से दुश्मनी करने से तो बिहार के बड़े-बड़े बाहुबली कतराते हैं तो फिर ये सोनू-मोनू कौन हैं? आखिर क्यों उन्होंने अनंत सिंह पर हमला किया? बिहार के लोगों के मन में ऐसे कई सवाल घूम रहे हैं।
दरअसल, पटना जिले के मोकामा इलाके में बुधवार को हुई गोलीबारी में पूर्व विधायक अनंत सिंह बाल-बाल बच गए! पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने बताया कि गोलीबारी में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, एसएसपी ने कहा कि पटना जिले के बाहरी इलाके बाढ़ के नौरंगा गांव में दो समूहों के बीच 12 से 15 गोलियां चलीं, मामले की जांच की जा रही है।
घटना के बारे में अनंत सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि, नौरंगा गांव के कुछ लोग उनके पास आए और आरोप लगाया कि सोनू-मोनू ने उन्हें उनके घरों से बाहर निकाल कर घरों पर ताला लगा दिया है, इसके बाद शाम को वो नौरंगा गांव गए और अपने समर्थकों से ताले खुलवा दिया, इसके बाद उन्होंने समर्थकों से कहा कि सोनू-मोनू को भी इस बारे में बता देते हैं कि ताला खुल गया है और आगे से ऐसा न करें! अनंत सिंह ने सोनू-मोनू के घर के बाहर ही गाड़ी रुकवा दी और अपने दो समर्थकों को सोनू-मोनू को बुलाकर लाने को कहा, मगर जैसे ही उनके समर्थक सोनू-मोनू के पास पहुंचे उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी, अपने समर्थकों को बचाने के लिए उनके और लोग गए और फायरिंग की, इसमें उनके एक समर्थक के गर्दन में गोली फंस गई है और उसका इलाज चल रहा है।
✓ कौन हैं ये सोनू-मोनू?
सोनू मोनू सगे भाई हैं और मोकामा के ही जलालपुर गांव के निवासी हैं. सोनू-मोनू ने साल 2009 में अपराध की दुनिया में कदम रखा. ये दोनों ट्रेन में लूटपाट करने लगे, इसके साथ ही सोनू-मोनू का गांव में ही दरबार लगने लगा, सोनू-मोनू के दरबार में सरकारी अधिकारियों से परेशान लोग सुबह से कतार में खड़े रहते हैं! दोनों भाइयों का मोकामा प्रखंड और अंचल कार्यालय के अधिकारियों व कर्मियों पर ऐसा खौफ है कि फोन पर आवाज सुनते ही समस्या का समाधान हो जाता है. हालांकि, अपराध भी लगातार करते रहे, बताया जाता है कि इन पर एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं, इनका ईंट भट्ठा भी है! ये भी बताया जाता है कि इनका मुख्तार अंसारी गिरोह से संबंध था! ये भी दावा किया जा रहा है कि ये अनंत सिंह की सरपरस्ती में ही शुरूआती दिनों में गुनाह करते रहे, लेकिन उनके जेल जाने के बाद अपना प्रभाव बढ़ाने लगे, हालांकि, सोनू-मोनू अभी भी अनंत सिंह के मुकाबले कहीं खड़े नहीं होते! उनके गैंग में अभी भी बहुत कम लोग हैं, अब देखना ये है कि अनंत सिंह की सोनू-मोनू से अदावत क्या गुल खिलाती है।
✓ किस-किस पर केस दर्ज हुआ!
पुलिस ने इस मामले में पीड़ित पक्ष मुकेश कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया है, मुकेश कुमार के घर पर ही पैसे को लेकर सोनू मोनू गैंग पर रंगदारी मांगने और जबरन उनके घर पर ताला लगाने का आरोप लगा था, इसके अलावा सोनू मोनू के पिता एडवोकेट प्रमोद कुमार ने भी अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर उनके घर पर गोलीबारी करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनकी पत्नी यहां की स्थानीय मुखिया है।
✓ क्या है अनंत सिंह पर आरोप?
प्रमोद कुमार ने अनंत सिंह पर राजनीतिक साजिश के तहत उनकी पत्नी पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है, इस मामले में पुलिस ने भी जनप्रतिनिधि और स्थानीय ग्रामीणों पर एक प्राथमिकी दर्ज की है! बताया जा रहा है कि जब पंचमहला थाने की पुलिस ने मुकेश कुमार के घर का ताला खुलवाने का प्रयास किया, तो उनके साथ जनप्रतिनिधि और उनके समर्थक एवं स्थानीय ग्रामीणों द्वारा गाली गलौज और अभद्रता की गई।