पड़रौना कोतवाली पुलिस की नाकामी का परिणाम है छावनी दुर्गा प्रतिमा पर पथराव और बवाल।

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धनंजय कुमार पाण्डेय, आपकी आवाज़ न्यूज, कुशीनगर

✓ बीट पुलिस कर्मियों ने समय रहते नही उठाया आवश्यक कदम, अधिकारियों के आदेश की अवहेलना बनी जी का जंजाल।

पड़रौना/कुशीनगर :- जनपद में पडरौना नगर के छावनी में सोमवार को दुर्गा प्रतिमा ले जाते समय गैर समुदाय के असमाजिक तत्वों द्वारा पथराव करना कहीं न कहीं कोतवाली पुलिस की बेफिक्री और घोर लापरवाही का परिणाम है। नवरात्र के पहले दिन से ही पड़रौना कोतवाली पुलिस सकुशल दुर्गा पूजा संपन्न कराने के मामले में लापरवाह रही, और अपने अधिकारियों के आदेश का भी पालन करने में हीलाहवाली करती रही। कोतवाली प्रभारी और बीट पुलिसकर्मी के द्वारा नगर के किसी भी मंदिर, संवेदनशील क्षेत्र और दुर्गा पांडाल के सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना समय रहते नही किया गया और न ही आयोजकों के साथ बैठक कर व्यवस्था का जायजा लिया गया। शारदीय नवरात्र मे पंचमी से लेकर अष्टमी के दिन तक मूर्तियों को कारखाने से दुर्गा पांडाल तक प्रतिमा लेजाकर स्थापित करने का सिलसिला शुरू हो जाता है और इस कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु गाजे बाजे के साथ और जयकारों के बीच दुर्गा प्रतिमा को जुलूस निकालकर ले जाते हैं। इसके मद्देनजर जिले के उच्चाधिकारियों ने सभी थानाक्षेत्रों में होने वाले इस आयोजन के लिए दिशा निर्देश जारी किए, लेकिन आदेश को गंभीरता से न लेते हुए, पडरौना कोतवाली प्रभारी के द्वारा बेफिक्री दिखाई और लापरवाही किया गया, जिसका परिणाम दुर्गा प्रतिमा पर पथराव जैसी दुस्साहस, घटना और बवाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।

✓ एसपी ने माना कि मामले में कोतवाली पुलिस रही लापरवाह

✓ पत्रकारों से वार्ता करते हुए मंगलवार को एसपी कुशीनगर संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि पडरौना कोतवाल ने आदेश के बाद भी आयोजकों के साथ बैठक, मंदिरों और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की तत्परता बढ़ाने और आदेश का पालन करने में लापरवाह रहे। इस लापरवाही और पडरौना कोतवाल का बेफिक्री का नतीजा है इस बड़ी घटना का हो जाना।

✓ संवेदनशील क्षेत्रों मे ड्रोन के प्रयोग को लेकर अंजान रही पुलिस

पिछले कुछ सालों से धार्मिक आयोजनों, उत्सवों और संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से निगरानी किया जाता था और इलाके छतों पर ईंट पत्थर, लाठी डंडे, आपत्तिजनक समान का संचय करने पर निगरानी और इसकी निरोधात्मक पुलिस के द्वारा किया जाता रहा है लेकिन कई धार्मिक ज्लूतसाव और जुलूस होने के बाद भी इस साल कहीं भी ड्रोन से निगरानी करने में पुलिस विफल रही। यदि संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन निगरानी समय रहते किया गया होता तो संवेदनशील क्षेत्रों की घरों और उनकी छतों पर ईंट पत्थर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री इकट्ठा होने की जानकारी पुलिस को होती और दुर्गा प्रतिमा पर पत्थरबाजी जैसी बड़ी घटना को बचाया जा सकता था।

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