कुशीनगर :- तरया सुजान थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रही पशु तस्करी, तस्करों के हौसले बुलंद।

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धनंजय कुमार पाण्डेय आपकी आवाज़ न्यूज कुशीनगर

कुशीनगर :- पडरौना कोतवाली थाना क्षेत्र के, बसहियां में सक्रिय है, पशु तस्करों का बड़ा सिंडिकेट।

✓ पशु तस्करों ने बिहार के नरहवां को बनाया तस्करी का अड्डा।

✓ चार पशुओं सहित ग्यासुद्दीन नामक तस्कर गिरफ्तार, स्थानीय नट बने तस्करी के सुत्रधार।

जनपद कुशीनगर क्षेत्र तरया सुजान

तरया सुजान/कुशीनगर :- पूरा मामला बिहार प्रांत के सिमावर्ती क्षेत्र तरयासुजान थाना क्षेत्र के तिनफेडि़या पुलिस चौकी का है, जहां नवागत चौकी इंचार्ज ने तस्करी को ले जाये जा रहे चार भैंसा (पाड़ा) सहित एक पशु तस्कर को भोर के समय क्षेत्र निगरानी के दौरान हिरासत में लिया है। पूछताछ में बसहियां निवासी पशु तस्कर गयासुद्दीन के द्वारा बताया गया कि बसहियां निवासी छोटे, सिंडिकेट का मास्टरमाइंड है! जो की कुछ स्थानीय नट विरादरी के लोगों जैसे- सोमारी, वजीर, नसरुद्दीन, जहरुदीन को पैसा मुहैया कराते हुए सस्ते दामों में गांव से पशुओं को खरिदवाता है, और हम पशुओं को नरहवां में बैठै छोटे नामक व्यक्ति तक पशुओं को पहुंचाने का काम करवा देते हैं! जो की नरहवां से बड़ी गाड़ियों में लाद कर बिहार के विभिन्न स्थानों को भेज दिया जाता है।

अब यहां सबसे बड़ी बात तो यह है कि जनपद मुख्यालय से लगभग 15 कि.मी. दूर बसहियां में पड़रौना कोतवाली पुलिस द्वारा कई बार बड़े-बड़े अभियान चलाकर इस अवैध पशु तस्करी के धंधे पर रोक लगा चुकी है, पर ये पशु तस्कर वहां से निकल कर बॉर्डर के क्षेत्रों में बैठ पशु तस्करी के धंधे को फलने फूलने जैसे कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। पशु तस्कर जिस तरह से, “बहुत दिनों से तस्करी के काम को करने की बात स्वीकार कर रहा है” उससे यह स्पष्ट होता है कि इन्हें पशु तस्करी जैसे अवैध कार्यों को करने में तनिक भी डर नाम का चीज नहीं है।

✓ क्या कहते हैं जानकर?

वहीं अगर जानकारों की मानें तो उनका कहना है कि “कुछ दिनों पूर्व तक ये नट-बिरादरी तिनफेडिया स्टेशन से सटे ही पशुओं को पिकप आदि जैसे बंद गाड़ियों पर लाद कर बिहार के छोटे बड़े जगहों पर भेज देते थे। लेकिन थोड़ी बहुत पुलिस द्वारा रात्रि भ्रमण के कारण ये अब पशुओं को पैदल ही बिहार का रास्ता पकड़ा देते हैं। अब देखना यह है कि जिस तरह से तस्कर ने अपने सिंडिकेट से जुड़े लोगों का नाम बताया है क्या उनके गिरेबान तक कानून के हाथ पहुंचते हैं या फिर……।

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