आम बजट 2024- पीएम मोदी के लिए जो चुनौतियां पड़ने वाली हैं भारी

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करेंगी

नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा, पिछले वित्त वर्ष अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 फ़ीसदी की दर से बढ़ी है, लेकिन निजी उपभोग खर्च में बहुत कम चार फ़ीसदी की वृद्धि हुई है. यह वो ख़र्च है, जो भारत के लोग वस्तुओं और सेवाओं पर ख़र्च करते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था का 55 से 60 फ़ीसद हिस्सा है.

अगर अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक की कोरोना महामारी के समय को छोड़ दें तो यह अप्रैल 2002 से मार्च 2003 के बाद निजी उपभोग व्यय में सबसे कम वृद्धि है.

निजी उपभोग पर ख़र्च में कमी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.

केंद्रीय बजट में इसका समाधान निकालना ज़रूरी है.

सरकार लोगों के हाथों में ज़्यादा पैसा देकर इस चुनौती से निपट सकती है.

इस लक्ष्य को कई तरीक़ों से हासिल किया जा सकता है.

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